C M virbhadra singh
जय भीमाकाली
राजा वीरभद्र और मां भीमकाली की कुछ अनूठी कड़िया
माँ भीमाकाली, बुशहर राजवंश की कुलदेवी के रूप में प्रतिष्ठित है. बुशहर रियासत की प्राचीन राजधानी सराहन ही हुआ करती थी. शायद कठिन भोगोलिक परिस्थितिओं को देखते हुए बाद में राजा राम सिंह ने रामपुर को बुशहर की राजधानी के रूप में विकसित किया और अंतिम राजा के रूप में श्री वीरभद्र सिंह जी ने इसका प्रतिनिधित्व किया. वह आज तक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, और हिमाचल के लोग उन्हें आज भी राजा साहब कह कर बुलाना पसंद करतेे है
वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून, 1934 को बुशहर रियासत के राजा पदम सिंह के घर में हुआ। वीरभद्र सिंह ने 1983 से 1985 पहली बार, फिर 1985 से 1990 तक दूसरी बार, 1993 से 1998 में तीसरी बार, 1998 में कुछ दिन चौथी बार, फिर 2003 से 2007 पांचवीं बार और 2012 से 2017 छठी बार मुख्यमंत्री बने। लोकसभा के लिए वह पहली बार 1962 में चुने गए।
राजा वीरभद्र रामपुर रियासत के राजघराने से ताल्लुक रखने वाले आखिरी राजा थे
13 वर्ष की आयु में बुशहर रियासत की राजगद्दी संभालने वाले पहले राजा वीरभद्र सिंह थे। बुशहर रियासत के राजा पदमदेव सिंह के निधन के बाद वर्ष 1947 में वीरभद्र सिंह ने राजगद्दी संभाली थी। आजाद भारत में जहां राजशाही प्रथा समाप्त हो गई थी, बावजूद इसके राजा वीरभद्र सिंह का परंपराओं के तहत राजतिलक किया गया था। हिमाचल प्रदेश की राजनीति का अविसमरणीणय चेहरा अब हमारे बीच नहीं रहा। आजाद भारत में राजशाही प्रथा समाप्त होने के बाद भी राजगद्दी संभालने के साथ-साथ वीरभद्र सिंह ने हिमाचल प्रदेश की कमान छह बार बतौर मुख्यमंत्री कमान संभाली। कृष्ण वंश के 122वें राजा वीरभद्र सिंह ने प्रदेश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में काफी बड़ी भूमिका अदा की।
शनिवार को रामपुर में वीरभद्र सिंह का अंतिम संस्कार होगा। इससे पूर्व उनके वारिस टीका विक्रमादित्य सिंह का राजतिलक किया जाएगा और उन्हें 123वें राजा घोषित किया जायेगा उन्हें राजगद्दी पर बिठाने के बाद वीरभद्र सिंह का रामपुर में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
वीरभद्र सिंह का विवाह दो बार हुआ। 20 साल की उम्र में जुब्बल की राजकुमारी रतन कुमारी से उनकी पहली शादी हुई। लेकिन कुछ वर्षों बाद ही रतन कुमारी का देहांत हो गया। इसके बाद 1985 में उन्होंने प्रतिभा सिंह से शादी की। प्रतिभा सिंह भी मंडी से सांसद रह चुकी हैं। वीरभद्र और प्रतिभा के पुत्र विक्रमादित्य सिंह भी वर्तमान में शिमला ग्रामीण से विधायक हैं।
उन्होंने पहली बार महासू लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। लोकसभा के लिए वीरभद्र सिंह 1962, 1967, 1971, 1980 और 2009 में चुने गए। वर्तमान में वीरभद्र सिंह अर्की से विधायक थे। इंदिरा गांधी की सरकार में वीरभद्र सिंह दिसंबर 1976 से 1977 तक केंद्रीय पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री रहे। दूसरी बार भी वह इंदिरा सरकार में ही वर्ष 1982 से 1983 तक केंद्रीय उद्योग राज्यमंत्री रहे चुके है।
पदम पेलिस रामपुर बुशहर |
रामपुर बुशहर के फाग मेले में भी उनका बहुत महत्त्व था फाग मेले मैं आए सभी देवी देवताओं का स्वागत करने (राजा) वीरभद्र हमेशा आया करते थे जब राजा साहब राज दरबार में बैठने जाते थे तो सभी देवी देवता राजा साहब के सम्मान में शीश शुकाते थे राजा साहब के सामान की गाथा को लिखना थोड़ा मुश्किल है मेरे तमाम शब्द राजा साहब के सम्मान के लिए कम पड़ रहे हैं।
आज राजा साहब हमारे बीच में नहीं रहे किंतु वो हमारी यादों में और हमारे बुशहर मैं हमेशा जिंदा रहेंगे।
राजा साहब के नाम दो शब्द
चांद को जमीन पे ला डाला,
खुदा का फ़रमान को भी बदल डाला,
ऐसा राजा राजा था मेरे प्रदेश मैं
जिसने हिमाचल को स्वर्णिम प्रदेश बना डाला।
🙏 जय मां भीमकाली
🙏राजा वीरभद्रसिंह
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