रोहतांग अटल टनल

  दुनिया की सबसे लंबी सुरंग 'अटल टनल' के नाम से  हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में स्थित हैं  इस सुरंग की लम्बाई 9.02 किलोमिटर है। यह सुरंग समद्र तल से 10 हजार (यानी 3000 मीटर) 40 फीट की ऊंचाई पर स्थित है  यह दुनिया में सबसे लंबी और सबसे ऊंचाई पर बनी  राजमार्ग सुरंग  है जिसका उद्धघटन प्रधान मंत्री  नरेंद्रमोदी जी ने किया है यह उद्धघाटन शनिवार 3 अक्टूबर 2020 को प्रातः 10 बजे  किया गया। यह सुरग करीब 10.5मीटर चौड़ी और 5.52मीटर उंची हैं।


रोहतांग दर्रे की सुरंग को अटल टनल का नाम क्यों दिया गया?

 अटल बिहारी वाजपेई जब देश के प्रधानमंत्री थे तब 3जून 2000 को  अटल बिहारी बाजपेई जी ने रोहतांग दर्रे के नीचे रणनीतिक सुरंग का एक ऐतिहासिक निर्णय किया था यह अटल बिहारी जी का सपना था टनल की  आधारशिला 26 मई 2002को रखी गई थी तब केंद्रीय मंत्रालय की बैठक में अटल बिहारी जी को सम्मान के साथ इस टनल का नाम उनके नाम पे रखने का निर्णय लिया गया।और यह सुरंग आधुनिक तकनीक और संरचनाओं के साथ  साथ बनाई गई है जिसे की लेह- लद्दाख के किसानों, युवाओं और यात्रियों के लिए प्रगतिशील रास्ता खोल दिया है।



अटल टनल(सुरंग) राजमार्ग के फ़ायदे

  अटल टनल राजमार्ग लेह और मनाली के बीच 46 किलोमीटर का फासला कम करती है यह सुरंग घोड़े के नाल के आकार में बनाई गई है  इस सुरंग के बनने से मनाली और लेह के बीच की दूरी जो कि पहले 474 किलोमीटर थी वो अब  घटकर 46 किलोमीटर की हो जाएगी   और यात्रा का समय 5 घंटे कम हो जाएगा अटल टनल की खासियत यह भी है कि 1 किलोमीटर पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरा भी लगाए गए हैं  इस टनल में एससीएडीए ( सेमी ट्रांसवर्स वेटिलेशन सिस्टम)  नियंत्रित अग्निशमन और  निगरानी के लिए सारी सुविधाएं की गई हैं। अब अटल सुरंग के द्वारा हथियार और राशन पहुंचना आसान होगा।सैनिकों को  इससे  बहुत  फायदा  होगा ।आपातकालीन स्थिति में  अब हम उनसे सही समय पे  संपर्क कर पाएंगे 



रोहतांग अटल टनल(सुरंग)

 अटल टनल 1600ट्रक के लिए तैयार की गई है जिसमें वाहनों कि अधिकतम गति 77किलोमिटर प्रति घंटा होगी अटल टनल का दक्षिण पोर्टल मनाली से 25किलोमिटर की दूरी पर हैं और उतरी पोर्टल 3071 मीटर की ऊंचाई पर है  पहले यह  घाटी छह महीने तक भारी बर्फबारी के कारण बंद रहा करती थी किंतु अब इस सुरंग के जरिए से हम पूरा साल इस घाटी से जुड़े रहेंगे।इस घाटी को हिमालय के पीर पंजाल की पर्वत श्रृंखला इससे और भी खूबसूरत बनती हैं अटल टनल के नीचे एक अन्य सुरंग का भी निर्माण किया गया है जिसे आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए मदद मिलेगी   इस सुरंग को बनाने को करीब चार हजार करोड़ रूपए खर्च हुए होंगे शुरुआत में इसका खर्च केवल चौदह सौ करोड़ रूपए इसकी  लागत आंकी थी। यह सुरंग विश्व की सबसे ऊंचाई वाली सुरंग बताई जा रही है। इस सुरंग में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं हर 150मी की दूरी पर टेलीफोन कि भी व्यवथा है वायु की गुणवत्ता जाने के लिए रोहतांग दर्रा के नीचे  मशीन लगाई गई है इसको लगाने का फैसला 3जून 2000को लगाया गया था।और इसकी आधारशिला  26 मई 2002 को रखी गई थी



  

 अटल टनल से गुजरने वाली बस

अटल टनल से गुजरने वाली सबसे पहली बस ( एच आर टी सी) हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस है जिसके बोर्ड में कैलांग अटल टनल रोहतांग मनाली लिखा गया था  इस बस को प्रधानमन्त्री मोदी जी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था यह दृश्य बेहद सुंदर और आरामदायक था बस के कुछ यात्रियों के नाम (  नोरबू राम जी, रमेश कुमार जी, देवीचंद जी,रामलाल जी, रामकृष्ण जी) आदि  ने इस बस में रोहतांग टनल की सैर की ओर पहले गवाह बने 


रोहतांग दर्रा

रोहतांग दर्रा सर्दी में भारी  बर्फबारी के कारण  बंद रहता है पूरा सर्दी में यहां बर्फ की एक सफेद चादर बिछी रहती है यहां से हिमालय के पर्वत श्रृंखला का खूबसूरत नजारा दिखता है यहां हर साल दुनिया भर से पर्यटक इस नजारे का लुत्फ उठाने आते हैं 



  कैसे पहुंचे

शिमला से आप चाहो तो टैक्सी या बस के द्वारा आराम से सफर कर सकते हैं आपको रास्ते में बहुत से स्टेशन मिलेगे आप चाहो तो किसी स्टेशन पे एक दिन आराम करके दूसरे दिन वहां की यात्रा आरम्भ कर सकते है शिमला से रोहतांग पास की दूरी 299किलोमिटर है   और शिमला से रोहतांग अटल टनल तक की दूरी 266.9 किलोमिटर हैं आपको यहां पहुंचने में 10 घंटे तक का समय भी लग सकता है।



 

 

 















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