khajjiyar , chamba himachal pardesh
किसी ने सही कहा है अगर पृथ्वी में कहीं स्वर्ग है तो वो है स्विज़रलैंड में है। स्विज़रलैंड की खूबसूरत पहाड़िया , चारो तरफ हरयाली , नदिया और झीलें पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। हिमाचल प्रदेश के जिला चम्बा में खजियार को हम मिनी स्विज़रलैंड के नाम से जानते है। जो की स्विज़रलैंड के जितना ही खूबसूरत है। स्विज़ राजदूत ने यहां की खूबसूरती से आकर्षित हो कर 7 जुलाई 1992 को खजियार को हिमाचल प्रदेश को मिनी स्विज़रलैंड की उपाधि दी थी
यहां के ऊँचे लम्बे हरे भरे पेड़ , हरयाली, पहाड़ और रूह को सकून देने वाली वादिया आपको स्विज़रलैंड का अहसाह करवाती है। चारो तरफ फैली हरयाली ये हसीं वादिया मन को मदहोश कर देने वाली नदिया और झीले यहां आने को मजबूर करती है। इसे इसी लिए मिनी स्विज़रलैंड के नाम से जाना जाता है। यहां प्रकृति आपको अपने पुरे शबाब पर दिखती है।
खजियार लेक
खजियार का आकर्षण चीड़ एवं देवदार के ऊँचे हरे भरे वृक्ष से ढके खजियार झील में है। झील के चारो और हरी भरी मुलायम आकर्षक घास खजियार को सुंदरता प्रदान करती है। झील की बिच में टापूनुमा दो जगह है, जहां पहुंच कर रोमांचक अहसास होता है। ये झील दखने में काफी सुंदर है आपको यहां अलग ही शांति का अनुभव होगा ये झील समुन्दर तल से 1920 मि० की ऊंचाई पर स्थीत है।
खज्जी नाग मंदिर
खजियार में खज्जी नाग मंदिर 12 वी ० शताब्दी में निर्मित नागो को समर्पित एक ऐसा मंदिर है जहां आपको कुछ सर्प मुर्तिया देखने को मिलेगी। बता दे की यह मंदिर मुख्यो रूप से एक लकड़ी का ढांचा है। जिसको मुख्यो रूप से देवता खज्जी नाग के रूप में जाना जाता है । शोधो की मानो तो इस मंदिर का निर्माण 10वी ० शताब्दी ईसवी में शुरू हुआ था , जिसकी वास्तुक्ला में हिन्दू और मुस्लिम शैली दोनों का मिश्रण है। इस मंदिर में प्रतिदिन भारी संख्या में भक्त आते है विदेशो से भी यहां काफी पर्यटक पहुंचते है। जो की यहां की प्राकृतिक सुंदरता का आनद लेते है।
कलाटोप बन्यो जिव अभ्यारण्य
यह वनस्पतियों जीवो की एक विस्तृत विभिंता से जाना जाता है। इस अभ्यारण्य में आप लंगूर , सियार , भालू, हिरन , तेंदुआ , हिमालयन ब्लैक मोर्टन के साथ साथ अनगिनित आकर्षक पक्षियों को भी देख सकते है। ये जगह रवि नदी के साथ बहने वाली छोटी धरयो के साथ देवदार के पेड़ो से ढकी हुई है। यह जगह ट्रैकिंग, पिकनिक ,और प्रकृतिक सैर के लिए बहुत अच्छी जगह है। अगर आप खजियार की यात्रा पर है तो कलाटोप बन्यो जीब अभ्यारण्य जा के यहां की प्रकृति का आनद ले सकते है।
भगवान शिव की प्रतिमा
जिला चम्बा को भोले की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। खजियार से 1कि०मी० दूर भगवान शिव की एक 85 फ़ीट की विशाल प्रतिमा स्थापित है जो की हिमाचल प्रदेश की सवसे ऊँची मूर्ति है इस मूर्ति को काँस्यो से पोलिश किया गया है जो की काफी चमकती हुई दिखाई देती है ये प्रतिमा सर्दियों में बर्फ से ढकी रहती है।
स्वर्ण देवी मंदिर
स्वर्ण देवी मंदिर खजियार का प्रमुख दर्शनियो स्थल है। जो की खजियार झील के करीब स्थीत है इस मंदिर को अपना नाम यहां लगे हुए स्वर्ण गुमबद से मिला है इस मंदिर के पास एक गोल्फ कोर्स भी है
कैसे पहुंचे
- खजियार हिमाचल प्रदेश के जिला चम्बा में स्थीत है। ये चम्बा से 14 किमी की दुरी पर स्थीत है। और डलहौजी से 24 किमी की दुरी पर स्थीत है। यहां सड़क रेल और हवाई माध्यम से आ सकते है। निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट में है जो की खजियार से 94 मी०कि० की दुरी पर स्थीत है यहां से आप प्राइवेट टैक्सी या बस वगेरा मई सड़क के माधयम से पहुंच सकते है। निकटतम हवाई अड्डा भी पठानकोट में ही स्थीत है जो कि यहां से 99 किमी की दुरी पर स्थीत है। यहां से आपको सड़क के माधयम से टैक्सी या बस में आना पड़ेगा। सड़क के माधयम से आपको शिमला धर्मशाल दिल्ली से बस मिल जाएगी जो की आपको यहां पहुंचा देंगीं
Att
जवाब देंहटाएं