mcleodganj places to visit

 मक्लॉडगंज  हिमाचल प्रदेश के जिला काँगड़ा के मुख्यालयों धर्मशाला से 9 किमी दूर  स्थीत है। इसकी समुन्दर तल से ऊंचाई 2082 मी  है। यहां पर आप सड़क रेल या हवाई जहाज के माध्यम से पहुंच सकते  है।  यहां पर सवसे नजदीक हवाई अड्डा गग्गल काँगड़ा में है जो की यहां से मात्र 18. किमी है। और नजदीकी रेलवे स्टेशन काँगड़ा में है।  जो की यहां से मात्र 27 किमी है।  इस से आगे आप  टैक्सी के माध्यम से आप मक्लॉडगंज पहुंच सकते है। 


मक्लॉडगंज को हम छोटा ल्हासा के नाम से भी जानते है क्यूंकि यहां तिबतियन के लोगो की बड़ी आबादी रहती है।  बत की निर्बासन सरकार  का मुख्यालय भी यहां उपास्थित  है।   हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों पर बसे  मक्लॉडगंज ने मानो तिबत और बुद्ध  को अपने भीतर रचा बसा लिया हो शिवालिक पर्बतो पर ये  जगह स्वर्ग से जरा भी कम नहीं है बौद्ध मठो, खूबसूरत बादियो और बेहतरीन मौसम  को ओढे मक्लॉडगंज पर प्रकृति  मेहरबान है। 

मक्लॉडगंज में   1959 मि में  बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा अपने हजारो  अनुयाईओ के साथ तिब्बत  से  आकर  बसे थे। यहां यहां  की सबसे मशहूर जगह दलाई लामा का मंदिर और उस से सटी नामग्याल मोनेस्ट्री  है।
इसके आलावा मक्लॉडगंज में पर्बत  श्रृंखला की ऊँची नीची चोटियां   उनके ऊपर जमकर पिघल बर्फ  निशान ओर चटानो पर खड़े चीड़  देवदार के हरे भरे पेड। हर किसी के  मन को अपनी और खींचते  है।   खूबसूरती की बजह से यहां  की बादियो  की मनमोहक दृशय पर्यटकों के   जहन   हमेशा के  लिये  बस जाते है।
बौद्ध  धर्म को  करीब से जानने के इच्छुक लोगो के लिए मक्लॉडगंज सर्वोत्तम है।    यहाँ  का सबसे प्रमुख आकर्षण दलाई लामा का मंदिर है। जहां  शाक्य मुनि और  पदम्संभ  मुर्तिया  बिराजमान है। नामग्याल मोनस्ट्री  महसूर है  यहां भारत और तिब्बत की संस्कृतियों  देखना  को मिलता है। यहां पर तिब्बत संस्कृति को प्रदर्शित करता एक पुस्तकालयों भी स्थीत  है।


अगर आप खाने पीने के शौकीन है।  तो आप  मैक्लोडगंज में मोमो खा सकते है  जो की काफी प्रसिद्ध होते है।  बेसे  यहां पर आपको खाने पिने के लिए सबकुछ मिलजायेगा 


मैक्लॉयडगन्ज   के थोड़ा नीचे उतरने पर  घने पेड़ो से घिरे  1863 में  बने सेंट जॉन चर्च की शांति आपको अपनी और  आकर्षित करती है । यहां से नड्डी की तरफ बढ़ने पर आपको रास्ते में  पहाड़ो से  घिरी डल  झील  मिलती है।  यहां  पर आप झील   में  बोटिंग  का  आनद ले सकते है


प्राचीन भाग्शुनाग मंदिर   
देवभूमि कहे जाने बाले हिमाचल प्रदेश के मनहोरी पर्यटक स्थल धर्मशाला के ऊपरी हिस्से मैक्लोडगंज से भी 2 किमी ऊपर है प्राचीन भाग्शुनाग मंदिर जो की बहुत ही भव्यो है इसके  साथ एक  झरणा भी है।  इसका पानी एकदम निर्मल और ठंडक भरा होता है। यहां लोग पथरो    पर  बैठ  कर घंटो झरने की फुआरों का आनद लेते है।  ये जगह  देखने में काफी मनमोहक है मनो मन करता है।  की  यहां ही बैठे रहे 
 भागसूनाग के ऊपर त्रिउंड ट्रेक भी है आप बहा भी जा सकते है अगर आप टेकिंग पसंद करते है त्रिउंड के बारे में आपको अगली पोस्ट में बिस्तृत जानकारी उपलबध करबा देंगे 

 
   




















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