bijli mahadev trek kullu, himachal
हिमाचल प्रदेश को हम देव भूमि के नाम से भी जानते है। यहां हर जगह आपको देवी देवताओं के मंदिर देखने को मिलेंगे और उनसे जुडी कहानिया पड़ने को मिलेगी और उनके चमत्कारों के बारे में आपको पता चलता है
अगर आप कुल्लू मनाली की यात्रा की योजना बना रहे है। तो आप के लिए इस यात्रा में भोलेनाथ के दर्शन होना आम बात है। क्यूंकि कुल्लू में प्रसिद्ध मंदिर बिजली महादेव आपको भोलेनाथ के दर्शन करवाता है और यहां के चमत्कारों के बारे में जान सकते है।
हिमलयो की गोद में बसा जिला कुल्लू में महज कुल्लू से 24 किलो मीटर की दुरी पर स्थीत है. ये मंदिर समंद्र तल से 2452 मीटर ऊंचाई पर स्थीत है जो की आपको भोलेनाथ के दर्शनों के साथ प्राकृतिक सुंदरता से भी अवगत करवाता है। मंदिर से देखने पर चारो तरफ का नाजारा बहुत खूबसूरत लगता है जो की आपको मंत्र मुग्ध कर देगा। मंदिर से कुल्लू और पार्वती घाटियों का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है
पौराणिक मान्यतो के अनुसार
`इस इस घाटी में कुलंत नाम का एक दानव करता था। उसने एक विशाल सांप का रूप धारण किया और लाहौल-स्पीति के मथान गांव पहुंचे। बुरे इरादों से प्रेरित कुलंत पूरे गाँव में बाढ़ लाना चाहता था। इसलिए, राक्षस सांप ने खुद को इस तरह से तैनात किया कि उसने ब्यास नदी के प्रवाह को बाधित कर दिया। भगवान शिव ने इस पर ध्यान दिया और उससे निपटने के लिए तुरंत निकल पड़े। कुलंत के साथ भयंकर युद्ध में उलझने के बाद, शिव ने राक्षस का वध किया। सांप की मौत के बाद, उसका पूरा शरीर एक विशाल पर्वत में बदल गया। शायद, इसीलिए कुलंत की मृत्यु के बाद घाटी को कुल्लू के नाम से जाना जाने लगा।
बिजली महादेव
इस मंदिर के शिवलिंग पर हर 12 बर्ष में आसमानी बिजली गिरती है। जिस से शिवलिंग टुकड़ो मै बिखर जाता है। मंदिर के पुजारी तब टुकड़ों को एक साथ रखने के लिए मक्खन का उपयोग करते हैं फिर कुछ समय बाद यह शिवलिंग एकदम ठीक हो जाता है यही कारण है कि मंदिर को बिजली महादेव का नाम दिया गया है, जबकि महादेव भगवान शिव का दूसरा नाम है
इस के बाद भगवान भोलेनाथ ने इन्द्र भगवान को बोलै की इस जगह पर हर 12 साल में एक बार बिजली गिरया करो जन धन की हानि न हो इस लिए भोलेनाथ बिजली को अपने ऊपर गिरवाते है जिस से शिवलिंग टुकड़ो में बिखर जाता है।
शिवरात्रि ’के दौरान, हर साल, यहां हजारो की संख्या में शिव भक्त यहां भगवन भोलेनाथ के दर्शन करने आते है
कैसे पहुंचे
हवाई जहाज
यहां पर सबसे नजदीकी हवाई अड्डा भुंतर में है। . जो की बिजली महादेव से 17 किमी की दुरी पर स्थीत यहां से आप कैब बुक कर सकते है या बस के माध्यम से यहां पहुंच सकते है
सड़क के माध्यम से
आप को शिमला, दिल्ली, धर्मशाला और देश के बाकि हिसो से कुल्लू के लिए बस मिल जाएगी
और फिर कुल्लू बस स्टैंड से महादेव के लिए बस पकड़ सकते है जो पास के 'चंसारी' गांव तक जाती है। 'चंसारी' से सीढ़ियों पर चढ़ना पड़ता है, दूरी लगभग 3 किमी है। सड़क अब 5 किमी से अधिक तक विस्तारित हो गई है जो सीढ़ियों पर चढ़कर आधी दुरी को कम कर देती है निजी वाहन या बुक किए गए वाहन से आप ग्राम 'हल्लेनी' तक पहुंच सकते है
इस ट्रेक पर आपको हरे भरे पेड़ और देवदार के जंगलों से घिरा हुआ मिलेगा । यहां तक कि स्नैकिंग के लिए कुछ दुकानें हैं और हिमालयन माउंटेन रेंज के 360 डिग्री के दृश्य यहां देखने लायक है
आपको इस चोटी से पार्वती और कुल्लू घाटी का विहंगम दृश्य देखने को मिलता है। जब आप चारों ओर मुड़ते हैं, तो आपके नज़दीकी नज़दीकियों को अवरुद्ध करने के लिए कोई ऊँची चोटियाँ नहीं होती हैं।
आप यहां पर और भी सथानो पर घूम सकते है जिस के बारे में जानकारी आपको पिछले लेख में मिल जाएगी
कृपया अपनी हिंदी भाषा सही करें|
जवाब देंहटाएंधन्यवाद|
Great work
जवाब देंहटाएंNice
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